श्रीरामचरितमानस

AranyaKaand - अरण्यकाण्ड

1. Invocations
तृतीय सोपान-मंगलाचरण
2. Jayant’s Mischief and Shri Ram Meets Sage Atri
जयंत की कुटिलता एवं फल प्राप्ति और श्री राम ऋषि अत्रि मिलन
3. Sage Atri Extols Shri Ram
ऋषि अत्रि स्तुति
4. Sita Meets Anasuya and Learns about Pativrat Dharma
श्री सीता-अनसूया मिलन और श्री सीताजी को अनसूयाजी का पतिव्रत धर्म कहना
5. Viradh’s Death and Sage Sarabhang Episode
श्री रामजी का आगे प्रस्थान, विराध वध और शरभंग प्रसंग
6. Vow to Kill Demons, Love of Sutikshan, Meeting Agastya
राक्षस वध की प्रतिज्ञा करना, सुतीक्ष्णजी का प्रेम, अगस्त्य मिलन, अगस्त्य संवाद
7. Ram in Dandakvan, Jatayu Meets, Panchvati, Lakshman Talk
श्री राम का दंडकवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास और श्री राम-लक्ष्मण संवाद
8. Shurpanakha's Tale and Khar-Dushan's Death
शूर्पणखा की कथा, शूर्पणखा का खरदूषण के पास जाना और खरदूषणादि का वध
9. Shurpanakha Approaches Ravan
शूर्पणखा का रावण के निकट जाना
10. Sita Enters Fire, Marich as Golden Deer
श्री सीताजी का अग्नि प्रवेश और माया सीता, मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना
11. Sita’s Abduction, Her Lamentation, Jatayu-Ravan Battle
श्री सीताहरण और श्री सीता विलाप, जटायु-रावण युद्ध
12. Sita in Ashok Vatika, Ram’s Lament, Kabandh’s Salvation
अशोक वाटिका में सीताजी को रखना, श्री रामजी का विलाप, जटायु का प्रसंग, कबन्ध उद्धार
13. Shabari’s Devotion, Ninefold Devotion, Departure to Pampa
शबरी पर कृपा, नवधा भक्ति उपदेश और पम्पासर की ओर प्रस्थान
14. Dialogue with Sage Narad
नारद मुनि-श्री राम संवाद
15. Qualities of Saints and Glory of Bhajan
संतों के लक्षण और सत्संग भजन के लिए प्रेरणा